रोक लो मुझे
मैं तो अवसर हूँ
मिलूँ न मिलूँ।
-सुरंगमा यादव
हौले से बोले
सवेरे ही सूरज
जाग भी जाओ!
-तनवीर आलम
फूल तोड़ना
प्रकृति के ग्रंथ से
पन्ना फाड़ना
-रामकुमार माथुर
वक़्त के किस्से
रेखाओं से लिखता
वृद्ध चेहरा !
-विद्या चैहान
मरी तो आज
जीवित ही कब थी
घर की बेटी
-निवेदिता श्री
(हा.द.समूह)
बच्चे-सी बर्फ
लिपटी रही माँ से
जमीन पर
-अनूप भार्गव
गाँव का मेला
सब खरीद लाये
अपनी खुशी
-मनीष मिश्रा मणि