Friday, 8 May 2015

भरते नहीं

भरते नहीं
ज़ख्म पत्थरों के भी
सौ युगों तक

-चन्द्रभाल श्रीवास्तव सुकुमार
[फेसबुक हाइकु समूह से]

No comments: